प्रकृति

भारतीय कार्टूनिस्ट ने जीता टॉप कंजरवेशन अवार्ड

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिकने वाली कॉमिक स्ट्रिप ग्रीन ह्यूमर के बैनर तले संरक्षण के मुद्दे पर केंद्रित कार्टूंस बनाकर रोहन चक्रवर्ती ने वन्यजीव और पर्यावरण के प्रति अपने प्रेम को अपनी प्रेरक शक्ति बना लिया है।
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<p>Arctic Agony: A cartoon on the shrinking ice cover in the Arctic [Rohan Chakravarty / Green Humour]</p>

Arctic Agony: A cartoon on the shrinking ice cover in the Arctic [Rohan Chakravarty / Green Humour]

उनके कार्टून आपको जोर से हंसाते हैं। उनमें संरक्षण का एक मजबूत संदेश भी होता है, जो युवा और वृद्ध दोनों पर एक जैसा असर डालते हैं। भारत के वन्यजीव ओर पर्यावरण कार्टूनिस्ट रोहन चक्रवर्ती को प्रकृति के दृष्टिकोण बदलने के लिए अपने प्रयासों के लिए इस वर्ष का डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंटरनेशनल प्रेसिडेंट्स अवार्ड से नवाजा गया है।

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है, जो विश्व के 30 वर्ष से कम उम्र के युवा संरक्षणवादियों में नेतृत्व कौशल को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है। हाल ही में यह पुरस्कार इंडोनेशिया के मनाडो में आयोजित किया गया था।

Oil Palm Monoculture in North East India [Rohan Chakravarty/ Green Humour]
नागपुर (भारत की बाघ राजधानी के तौर पर प्रख्यात) में सरोकार रखने वाले चक्रवर्ती बचपन से ही उत्साही पक्षी प्रेमी थे। वह दंत चिकित्सक बनने के राह पर अग्रसर थे, तब महाराष्ट्र के नागजीरा टाइगर रिजर्व के वाटरहोल में बाघिन का एक शानदार दृश्य देखने के बाद उन्होंने अपने करियर की निर्धारित योजना को दरकिनार कर दिया। इसने उनमें वन्यजीव प्रेमी को बाहर निकाला और दंत चिकित्सा छोड़ने पर मजबूर किया और डूडलिंग (चित्र बनाना) को संरक्षण उपकरण के तौर पर प्रयोग करने के प्रेरित किया। यह ऐसे देश, जहां पेशा चुनने के लिए परंपरागत तौर पर रचनात्मक गतिविधियों की बजाय शैक्षिक स्त्रोतों को अधिक महत्व दिया जाता है, में एकदम अलग और जोखिम भरा करियर बदलाव था।

अपना प्रभाव बनाना

आज इस युवा कार्टूनिस्ट और इलेस्ट्रेटर ने वन्यजीव, जलवायु परिवर्तन और अन्य पर्यावरणीय मुद्दों पर लगातार और पूरी लगन से स्केचिंग करने के लिए अपनी छाप बना चुके हैं और उनके कार्टूनों के लिए कई मैगजीन और समाचार पत्र कतार में हैं। पर्यावरणीय मुद्दों पर केंद्रित ग्रीन ह्यूमर बैनर के तहत 400 से अधिक कार्टूनों के साथ चक्रवर्ती, शायद सबसे बड़े ऑनलाइन कार्टून संग्रहकर्ताओं में से एक हैं। ग्रीन ह्यूमर, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वितरित होने वाली देश की पहली कॉमिक स्ट्रिप, यह दर्शाती है कि पर्यावरणीय मुद्दों पर प्रकाश डालने के लिए कलात्मक कौशल कैसे एक प्रभावी संचार माध्यम बन सकता है। और उन लोगों के लिए जो विचित्र संग्रह रखना पसंद करते हैं, के लिए वेबसाइट पर कार्टून मग और टी-शर्ट उपलब्ध हैं।

Arctic Tern Anecdotes: The cartoonist’s humorous take on Arctic Terns who migrate over 70,000 km across the globe and their view of life at both the poles [Rohan Chakravarty / Green Humour]
“मैं यह उपाधि जो एक अवार्ड से कही ज्यादा है, पाकर काफी सम्मानित हूं। यह मेरी कला और मेरी शक्ति वन्यजीव के प्रति मेरी जिम्मेदारियों का अनुस्मारक है। कार्टून और हास्यवृत्ति दोनों यह सुनिश्चित करते हैं कि पाठन न केवल एक संदेश को याद रखें बल्कि प्रतिक्रिया भी करें और इसलिए संचार और संरक्षण दोनों में अपरिहार्य उपकरण है।” चक्रवर्ती ने www.thethirdpole.net को बताया। “कार्टून को इतनी अहमियत देने और इस कला के साथ अैर सशक्त बनाने के लिए मैं डब्ल्यूडब्ल्यूएफ का शुक्रगुजार हूं।”

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के महासचिव और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि सिंह कहते हैं, “रोहन जो अपने हुनर को मनोरंजन, सकारात्मकता, प्रकृति और विज्ञान के लिए कला के जरिए जोड़ते हैं और जंगलों और वन्यजीवन की नई तरह अभी तक सम्मोहक रूप में कल्पना करतें हैं, भारत के संरक्षणवादियों की युवा पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके काम, समर्पण और अनुभवी परामर्शदाता की अतिरिक्त क्षमता के जरिये रोहन लोगों को इस तरह से प्रेरित करते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति अभिव्यक्ति व ज्ञान से एक सकारात्मक अंतर ला सकता है।”